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जय श्रीमन्नारनायण





                                                    सकललमोकगुरु,
                  शब्वनार
                                                           ्य
                                                             े
                                                      सववदबवत,
                                                  वदनांतवरीधरीबवहनाररी,
                                                    े

                                                   ब्रह्बवद्ना प्रदनातना,


                                                        ्य
                                                   अजु् सनारररी कमो,

                                                                                ्य
                                  बव्म्रतना, बवश्वनास और क ृ तज्ञतनापूण ब्वद्
                                                                                      े


                तवश्व शांतत तवराट गीता पारायण




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